सूचीअध्याय 1: ऊर्जा फ़िलामेंट सिद्धांत

ऊर्जा फ़िलामेंट (Energy Threads) और ऊर्जा-सागर (Energy Sea) के परिप्रेक्ष्य में कणों के परिचित गुण—द्रव्यमान, आवेश, विद्युत/चुम्बकीय क्षेत्र, धारा, स्पिन/कोणीय संवेग, आयु और ऊर्जा-स्तर—बाहरी टैग नहीं हैं। ये गुण फ़िलामेंट की ज्यामिति (वक्रता, बंदीकरण, फेज-लॉक लय) और तनन-संगठन (तीव्रता, दिशा, ग्रेडिएंट, सहसमन्वय) की संयुक्त रचना से उभरते हैं।


I. द्रव्यमान: आन्तरिक मजबूती और बाहरी रूपांकन
जब बंदीकरण अधिक कसा और फेज-लॉक मजबूत होता है, आन्तरिक संगठन अधिक स्थिर बनता है। गति बदलने के लिए बाहरी बल को उसी संरचना के बड़े हिस्से को पुनर्लिखना पड़ता है—यहीं से जड़ता आती है। वही संरचना पड़ोस के सागर को कण की ओर ढलान में गढ़ती है, जो पथों को दिशा और अभिसरण देती है—यह गुरुत्व का बाहरी रूपांकन है। दूर क्षेत्र में फेज-लॉक परिक्रमण, माध्यम की प्रत्यास्थता और समय-औसत अनिसोट्रपी को मिटाकर समदिशी आकर्षण छोड़ते हैं। संक्षेप में: द्रव्यमान रैखिक घनत्व, ज्यामितीय बाधाओं और संगठित तनन के साथ बढ़ता है; जड़ता ≈ आन्तरिक मजबूती, गुरुत्व ≈ बाहरी रूपांकन-शक्ति


II. आवेश → विद्युत क्षेत्र: रेडियल तनन-बायस से ध्रुवीयता
फ़िलामेंट का मोटाई सीमित होती है। यदि लॉक-लूप हेलिकल निकट-क्षेत्र प्रवाह भीतर की ओर बाहर की तुलना में अधिक प्रबल है, तो सागर में अंदर-की-ओर मुख किए रेडियल तनन-टेक्सचर अंकित होता है; उलटा बायस बाहर-की-ओर टेक्सचर अंकित करता है। परिभाषा: भीतर-मुखी = ऋणात्मक, बाहर-मुखी = धनात्मक। विद्युत क्षेत्र इसी रेडियल टेक्सचर का स्थानिक विस्तार है; बहु-स्रोत अध्यारोपण से आकर्षण/अपसारण और बल-दिशा मिलती है।


III. आवेश → चुम्बकीय क्षेत्र: पार्श्व घसीट से परिधीय卷-गुणन
जब आवेशित संरचना सरकती है, उसकी रेडियल टेक्सचर वेग के कारण पार्श्व दिशा में खिंचती है; निरन्तरता बनाए रखने के लिए यह टेक्सचर मार्ग के चारों ओर बंद होकर परिधीय巻-गुणन बनाती है—यही चुम्बकीय क्षेत्र का ज्यामितीय रूप है। बिना अनुवाद के भी, आन्तरिक लॉक-परिक्रमण (स्पिन) स्थानीय巻-गुणन व्यवस्थित कर सकता है और स्वाभाविक चुम्बकीय आघूर्ण देता है। क्षेत्र-की-तीव्रता और दिशा, आवेश-ध्रुवीयता, गति-दिशा (या परिक्रमण की चिरालिटी) और उनके संरेखण से तय होती है—राइट-हैंड-रूल के अनुकूल।


IV. आवेश से धारा तक: विभव, संरेखण, चैनल-रिफ्रेश


V. गुण ↔ संरचना त्वरित-सूची


VI. संक्षेप में
द्रव्यमान केवल “धक्का देना कठिन” नहीं; वह स्रोत-की-ओर ढलान गढ़कर परिवेश को भी आकार देता है, और दूर-क्षेत्र की समदिशता परिक्रमण + प्रत्यास्थता + समय-औसत से आती है। आवेश और विद्युत क्षेत्र रेडियल बायस व उसके विस्तार से; चुम्बकीय क्षेत्र गति/स्पिन द्वारा पार्श्व-घसीटी दिशा-टेक्सचर का परिधीय巻-गुणन है; धारा दिशात्मक चैनल का सतत रिफ्रेश है—जिसमें स्वाभाविक रूप से इंडक्टेंस, कैपेसिटेंस और रेज़िस्टेंस साथ चलते हैं। इस प्रकार द्रव्यमान, आवेश, क्षेत्र, धारा और स्पिन—सभी को फ़िलामेंट-ज्यामिति + तनन-संगठन की साझा बुनियाद पर एकीकृत, सहज और जाँचयोग्य व्याख्या मिलती है।


कॉपीराइट व लाइसेंस (CC BY 4.0)

कॉपीराइट: जब तक अलग से न बताया जाए, “Energy Filament Theory” (पाठ, तालिकाएँ, चित्र, प्रतीक व सूत्र) का कॉपीराइट लेखक “Guanglin Tu” के पास है।
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अनुशंसित श्रेय प्रारूप: लेखक: “Guanglin Tu”; कृति: “Energy Filament Theory”; स्रोत: energyfilament.org; लाइसेंस: CC BY 4.0.

पहला प्रकाशन: 2025-11-11|वर्तमान संस्करण:v5.1
लाइसेंस लिंक:https://creativecommons.org/licenses/by/4.0/