एक-वाक्य सार:
ऊर्जा तंतु सिद्धांत (EFT) की मूर्त तस्वीर में क्वार्क कोई बिंदु नहीं, बल्कि “सूक्ष्म तंतु-कोर” और “रंग-नलिका” से बना एक खुला घटक है। कोर अत्यंत छोटा, घना गाँठ-जैसा हिस्सा है जो किरैलिटी निर्धारित करता है और स्पिन तथा स्व-समर्थन ऊर्जा का कुछ भाग देता है। रंग-नलिका ऊर्जा सागर (Energy Sea) से खींचा गया उच्च-तनाव गलियारा है; यह न ठोस नली-भित्ति है, न ही दूसरी तंतु-रेखा। संरचना तभी स्थिर होती है जब वह अन्य क्वार्कों से जुड़कर ऊर्जा-लेखा बंद करती है। इसलिए दीर्घजीवी केवल वही समग्र कण होते हैं जो समग्र रूप से रंग-निरपेक्ष हों (मेसॉन, बैरियन, और ग्लूऑन-समृद्ध बंधित अवस्थाएँ); एकल क्वार्क को हम महापैमाने पर अलग नहीं कर पाते। आगे के पाठ में हम संक्षेप के बजाय केवल ऊर्जा तंतु सिद्धांत लिखते हैं।
I. न्यूनतम भौतिक चित्र: कोर + रंग-नलिका (तीन रंग = परस्पर विनिमेय तीन पथ)
- तंतु-कोर:
ऊर्जा तंतु (Energy Threads) की अत्यल्प, कसकर बँधी गाँठ, जो ऊर्जा सागर में स्थित होती है। यही कोर किरैलिटी तय करता है तथा स्पिन और जड़त्व (स्व-समर्थन ऊर्जा) में योगदान देता है। फ्लेवर के भेद (up, down, strange, charm, bottom, top) को लपेटन-क्रम और फेज-मोड के अंतर के रूप में समझा जा सकता है। - रंग-नलिका (रंग-तंतु गलियारा):
यहाँ तंतु-देह खिंचकर बाहर नहीं आती; कोर पर स्थित एक रंग-पोर्ट ऊर्जा सागर में तनाव-गलियारा उत्पन्न करता है। “रंग” से आशय तीन स्वतंत्र, परस्पर विनिमेय अभिमुखी पथों से है।
संयम का अभिमुखी नियम: किसी समग्र में जब तीनों अभिमुखी-वेक्टरों का योग शून्य होता है (रंग-निरपेक्ष अवस्था), तो दूर-क्षेत्र सील हो जाता है और संरचना स्थिर रहती है।
स्पष्टता हेतु: रंग-नलिका कोई ठोस वस्तु नहीं, बल्कि तनावग्रस्त अभिमुखी पट्टी है। ग्लूऑन इस गलियारे के entlang चलने वाले फेज–ऊर्जा पैकेट हैं, जो विनिमय या री-कनेक्शन में भाग लेते हैं; वे “छोटी गोलियाँ” नहीं हैं।
II. मूर्त संयम: एकल क्वार्क दिखाई क्यों नहीं देता
दो क्वार्कों को दूर खींचा जाता है, फिर भी वे एक उच्च-तनाव गलियारे से जुड़े रहते हैं:
- जितना खींचेंगे, लागत उतनी बढ़ेगी: गलियारे का तनावर बल लगभग स्थिर रहता है, इसलिए ऊर्जा दूरी के साथ लगभग रैखिक बढ़ती है।
- अधिक किफायती निकास: दहलीज़ पार होते ही ऊर्जा सागर बीच में पुनः-संयोजित होकर क्वार्क–एंटीक्वार्क (q–q̄) युग्म का नाभिकीकरण करता है; लंबा गलियारा दो छोटे गलियारों में कट जाता है और दोनों मेसॉन बनकर बंद हो जाते हैं।
निष्कर्ष: प्रयोगों में जेट और “मेसॉन-वर्षा” देखी जाती है, किसी एकल क्वार्क को उखाड़कर नहीं।
III. हैड्रॉन कैसे “जुटते” हैं: मेसॉन, बैरियन और Y-आकृति बंदी
- मेसॉन (q + q̄):
एक लगभग सीधी रंग-नलिका दो तंतु-कोरों को जोड़ती है; समग्र रंग-निरपेक्ष होता है। - बैरियन (q + q + q):
तीन रंग-नलिकाएँ अंतरिक्ष में Y-जंक्शन पर संग्रथित होती हैं—यह त्रिभुज परिधि से कम ऊर्जा-लागत वाला विन्यास है। तीनों अभिमुखी-वेक्टरों का योग शून्य होता है और संरचना बंद हो जाती है। - ग्लूऑन-विनिमय:
फेज/फ्लक्स के पैकेट गलियारों में दौड़ते हैं और तीन पथों के बीच अधिभोग स्थानांतरित करते हैं—इसे रंग-विनिमय के रूप में देखा जाता है।
IV. फ्लेवर (up, down, strange, charm, bottom, top): लपेटन-क्रम और आयु
- उच्च लपेटन-क्रम या ऊँचा मोड का अर्थ है नाभिकीकरण-लागत अधिक होना; कण भारी और कम-आयु वाला होता है, तथा निम्न क्रमों में क्षय की प्रवृत्ति दिखाता है।
- टॉप क्वार्क बेहद भारी होता है और तेज़ी से क्षय कर देता है, इसलिए वह अक्सर हैड्रोनाइज़ नहीं कर पाता—यह अवलोकनों से मेल खाता है।
V. द्रव्यमान, आवेश और स्पिन: लेखा कहाँ संतुलित होता है
- द्रव्यमान: दो प्रमुख मदें
- कोर की स्व-समर्थन ऊर्जा (वक्रता/मरोड़)।
- रंग-नलिका में तनाव-ऊर्जा (गलियारे की “ऊर्जा-भंडार”)।
इस प्रकार “प्रोटॉन के द्रव्यमान का अधिकांश भाग सशक्त पारस्परिक क्रिया से आता है” कथन मूर्त हो जाता है: पतली नलिकाओं में तनाव क्वार्कों के “नग्न द्रव्यमान” से बहुत बड़ा होता है।
- आवेश (एक-तिहाई के गुणज क्यों):
क्वार्क का विद्युतचुंबकीय रूप, कोर के आस-पास दिशात्मक ध्रुवण से उत्पन्न होता है। इस दिशात्मक बजट का कुछ भाग रंग-नलिका उपभोग कर लेती है, इसलिए विद्युतचुंबकीय प्रक्षेप भिन्नात्मक इकाइयाँ देता है: up-प्रकार में अधिक शेष (+2/3) और down-प्रकार में कम (−1/3)।
संख्यात्मक अनुरूपता: आवेश मान ठीक ±1/3 और ±2/3 पर रहते हैं; यहाँ हम केवल मूर्त कारण-व्याख्या देते हैं, मान नहीं बदलते। - स्पिन (कौन कितना देता है):
कोर का सामूहिक घूर्ण तथा गलियारे में मरोड़-तरंगें और ग्लूऑनों का कोणीय संवेग मिलकर प्रभावी स्पिन बनाते हैं। आंतरिक बँटवारे हैड्रॉन-दर-हैड्रॉन बदलते हैं और प्रयोगों में दिखी स्पिन-विघटन को समझाते हैं, जहाँ क्वार्क-स्पिन कुल का केवल एक भाग होता है।
VI. पैमाना-निर्भर आचरण: छोटी दूरी पर लगभग मुक्त, लंबी दूरी पर दृढ़ बंधन
- अत्यल्प दूरी (उच्च Q²):
कोर नज़दीक आते हैं तो नलिका का अनुप्रस्थ क्षेत्र बढ़ता है और इम्पीडेंस घटता है; विनिमय “ब्रॉडबैंड सुरंग” जैसा लगता है और क्वार्क लगभग मुक्त दिखते हैं (असंयत स्वतंत्रता)। - दूर खींचना (निम्न Q²):
नलिकाएँ पतली और तनी हो जाती हैं; ऊर्जा दूरी के साथ लगभग समानुपाती बढ़ती है। तंत्र टूटने और युग्म-उत्पत्ति की ओर जाता है, फिर बंद हैड्रॉनिक रूप में लौट आता है (संयम)।
इस तरह असंयत स्वतंत्रता और संयम एक ही ऊर्जा-लेखा में समाहित हो जाते हैं।
VII. मानक मॉडल से साम्य (टकराव नहीं, भाषा-पुल)
- तीन रंग ↔ तीन अभिमुखी गलियारे (रंग-पथों का ज्यामितीय निरूपण)।
- ग्लूऑन ↔ फेज/फ्लक्स पैकेट जो गलियारों में अधिभोग पहुँचाते हैं; वे सूक्ष्म गोलियाँ नहीं।
- संयम और जेट ↔ दूरी के साथ रैखिक ऊर्जा-वृद्धि + री-कनेक्शन द्वारा युग्म-उत्पत्ति।
- हैड्रॉन का आंतरिक विन्यास ↔ सीधी नलिका से बंद मेसॉन और Y-जंक्शन से बंद बैरियन।
- द्रव्यमान का प्रमुख स्रोत सशक्त अंतर्क्रिया ↔ नलिका-तनाव + कोर की स्व-समर्थन ऊर्जा का प्रभुत्व।
- भिन्नात्मक आवेश ↔ निकट-क्षेत्र ध्रुवण का विद्युतचुंबकीय प्रक्षेप, रंग-नलिकाओं द्वारा उपभोग के बाद।
- टॉप क्वार्क का न-हैड्रोनाइज़ होना ↔ नाभिकीकरण-समय क्षय-समय से अधिक होना।
VIII. सीमा-स्थितियाँ (विद्यमान आँकड़ों से सामंजस्य के मुख्य बिंदु)
- गहन अनेलास्टिक प्रकीर्णन (DIS) और पार्टन चित्र:
उच्च Q² तथा DIS पर वर्णन पार्टन परिप्रेक्ष्य की ओर अभिसरण करता है; पार्टन वितरण फलन (PDF) और स्थापित स्केलिंग नियम बने रहते हैं। - विद्युतचुंबकीय संगति:
आवेश मान ±1/3 और ±2/3 पर स्थिर रहते हैं। फॉर्म-फैक्टर और उनकी ऊर्जा-निर्भरता मापों से मेल खाती है। - स्पेक्ट्रोस्कोपी और हैड्रोनाइज़ेशन:
अनुनाद स्पेक्ट्रा, जेट टोपोलॉजी, और फ्रैग्मेंटेशन फलन त्रुटि-बैंड के भीतर रहते हैं। “रैखिक विभव + युग्म-उत्पत्ति से टूटना” जैसी सहज भाषा कृत्रिम चोटियाँ नहीं पैदा करनी चाहिए। - संरक्षण और गतिशील स्थिरता:
रंग, फ्लेवर, ऊर्जा, संवेग, कोणीय संवेग, और बैरियन-संख्या का संरक्षण सख्ती से बना रहता है। उल्टी कारण-परिणाम या स्व-प्रवर्धित अस्थिरताएँ नहीं होतीं। - दृश्यांकन ≠ संख्याएँ बदलना:
गलियारा/पैकेट/Y-जंक्शन जैसे रूपक सहज व्याख्या भर हैं; प्रचलित पैरामीटर और फिट अपरिवर्तित रहते हैं।
संक्षेप में
क्वार्क = तंतु-कोर + रंग-नलिका। नलिका ऊर्जा सागर से खींची गई उच्च-तनाव पथ है, जो कई कोरों को रंग-निरपेक्ष समग्र में ताले की तरह बाँध देती है। जैसे-जैसे खिंचाव बढ़ेगा, लागत बढ़ेगी, अंततः री-कनेक्शन नई युग्म-उत्पत्ति कराता है और तंत्र बंद हैड्रॉन रूप में लौट आता है। इसलिए हम जेट और हैड्रॉन देखते हैं, एकल क्वार्क नहीं; और द्रव्यमान, स्पिन, भिन्नात्मक आवेश भी इसी मूर्त मानचित्र पर स्वाभाविक स्थान पा लेते हैं।
चित्र
- एकल क्वार्क इकाई (कोर + आरंभीय गलियारा)

- संदेश: एकल क्वार्क खुला रहता है; स्थिरता के लिए उसे अन्य से जुड़ना पड़ता है।
- पढ़ने के संकेत: द्वि-वृत्त = कोर; हल्का चाप = रंग-नलिका; पीला = ग्लूऑन पैकेट; धूसर ग्रेडिएंट = उथला बेसिन।
- ग्लूऑन: गलियारे में गतिमान “मूँगफली” आकार का पीला पैकेट, फेज–ऊर्जा पैकेट (विनिमय/री-कनेक्शन घटना) का द्योतक है; गेंद नहीं।
- फेज फ्रंट: कोर पर मोटे अग्र-किनारे वाला नीला चाप फेज-लॉक को दर्शाता है।
- मुख्य देह: बाईं ओर कोर (घना द्वि-वृत्त, स्व-समर्थित केंद्र), दाईं ओर हल्का चाप जो रंग-नलिका दिखाता है (तनाव-पट्टी, ठोस नली नहीं)।
- मेसॉन (q + q̄, सीधी नलिका से बंदी)

- संदेश: मेसॉन एक “एकल सीधा गलियारा” है जो दोनों सिरों पर बंद होता है।
- संकेत: सिरों के द्वि-वृत्त = q और q̄ के कोर; मध्य का हल्का पट्टा = नलिका; पीला पैकेट = ग्लूऑन; विद्युत तीर नहीं (रंग-निरपेक्षता)।
- फेज फ्रंट: दोनों सिरों पर नीला चाप; मध्य में पीला पैकेट रंग-विनिमय दिखाता है।
- मुख्य देह: दोनों ओर एक-एक कोर, लगभग सीधी नलिका से जुड़ते हैं; समग्र रंग-निरपेक्ष है।
- बैरियन (देखें §§ 5.6 प्रोटॉन और 5.7 न्यूट्रॉन)
तीन क्वार्क, तीन गलियारे जो केंद्र में Y-जंक्शन पर मिलते हैं। अन्य परतें (दोहरे कोर-रेखाचित्र, नीले फेज-चाप, “संक्रमण तकिया”, दूर-क्षेत्र की महीन रेखाएँ, और समकेन्द्रीय ग्रेडिएंट) भी यही दृश्य-प्रणाली अपनाती हैं।
कॉपीराइट व लाइसेंस (CC BY 4.0)
कॉपीराइट: जब तक अलग से न बताया जाए, “Energy Filament Theory” (पाठ, तालिकाएँ, चित्र, प्रतीक व सूत्र) का कॉपीराइट लेखक “Guanglin Tu” के पास है।
लाइसेंस: यह कृति Creative Commons Attribution 4.0 International (CC BY 4.0) लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध है। उपयुक्त श्रेय देने की शर्त पर, व्यावसायिक या गैर‑व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए प्रतिलिपि, पुनर्वितरण, अंश उद्धरण, रूपांतर तथा पुनःवितरण की अनुमति है।
अनुशंसित श्रेय प्रारूप: लेखक: “Guanglin Tu”; कृति: “Energy Filament Theory”; स्रोत: energyfilament.org; लाइसेंस: CC BY 4.0.
पहला प्रकाशन: 2025-11-11|वर्तमान संस्करण:v5.1
लाइसेंस लिंक:https://creativecommons.org/licenses/by/4.0/