सूचीअध्याय 8: ऊर्जा-तंतु सिद्धांत द्वारा चुनौती दिए गए प्रतिमान सिद्धांत

I. पाठ्य–पुस्तकों की रूपरेखा


II. कठिनाइयाँ और दीर्घकालिक व्याख्यात्मक लागत


III. ऊर्जा-धागा सिद्धान्त के साथ पुनर्व्याख्या और जाँच–योग्य संकेत

ऊर्जा-धागा सिद्धान्त (EFT) न “ईथर” लाता है, न कोई विशेष सन्दर्भ–फ्रेम; यह स्थानीय मापन–सहमति बनाए रखता है। “निर्वात तरंग–विक्षोभ को फैलने कैसे देता है?”—इसे हम लगभग समरूप ऊर्जा–समुद्र (Energy Sea) की एक पदार्थ–गुण मानते हैं, जिसे ऊर्जा–धागे (Energy Threads) पार करते हैं।

  1. फोटॉन क्या है: यह समुद्र पर उठी लहर है, कोई छिपा माध्यम नहीं; वाहक–माध्यम या विशेष फ्रेम की दरकार नहीं, और स्थानीय स्तर पर सबके लिए प्रकाश–वेग एक–सा रहता है।
  2. द्रव्य–रहित क्यों: ऐसी लहरों के लिए स्थिर ठहराव–अवस्था होती ही नहीं; रोकने का प्रयास विक्षोभ को पृष्ठभूमि में लौटा देता है। प्रेक्षण–रूप में यह शून्य विराम–द्रव्यमान के समतुल्य है और c पर गति समझाता है।
  3. दूर केवल अनुप्रस्थ मोड क्यों: ऊर्जा विश्वसनीय रूप से पार्श्व–खींच द्वारा बाहर जाती है। मार्ग–अनुरूप संपीड़न–विस्फारण निकट–क्षेत्र की पदचिह्न जैसा व्यवहार करता है, दूर तक नहीं जाता और बद्ध ऊर्जा माना जाता है।
  4. “परम c” की पुनर्पाठ: स्थानीय रूप में छत सबके लिए समान रहती है; लम्बे पथों और चरम परिवेशों में यात्रा–समय तथा ध्रुवण के अन्तर जमा हो सकते हैं—यह पथ–और–परिवेश की सह–क्रिया है, किसी “एक ब्रह्माण्डीय संख्या” का विरोध नहीं।
  5. जाँच–योग्य संकेत:
    • निकट/दूर–क्षेत्र पृथक्करण: नियंत्रित विकिरण–स्रोतों के पास बन्धित और विकिरण–घटकों को साथ–साथ नापें। केवल दूर–क्षेत्र में दो अनुप्रस्थ ध्रुवण वहन होने चाहिए और दूरी के साथ तरंग की तरह क्षीणन दिखना चाहिए।
    • विक्षेपण–रहित सुसंगति: स्वच्छ निर्वात–पथों पर भिन्न आवृत्ति–पट्टियाँ एक–ही क्रम में पहुँचें; यदि अंतर–पट्टी अनुपात स्थिर रहते हुए एकसमान समय–पक्षपात दिखे, तो कारण पथ–और–परिवेश हैं, आवृत्ति–निर्भर विक्षेपण नहीं।
    • ध्रुवण बतौर पथ–हस्ताक्षर: प्रबल अथवा विकसित होती क्षेत्रों में ध्रुवण ज्यामिति–संबद्ध घूर्णन या सह-संगति–हानि दिखा सकता है; यदि सभी पट्टियाँ एक–ही दिशा और परिमाण में बदलें, तो एकीकृत पर्यावरणीय पुनर्लेखन अधिक सम्भावित है।
    • विविध मानकों के साथ स्थिरता: एक ही मार्ग पर भिन्न प्रकार के उपकरणों से मापा समय और दूरी आयामरहित अनुपात स्थिर दें—भले ही निरपेक्ष मान साथ–साथ खिसकें। यह “स्थानीय छत + पथ–संचयन” को समर्थन देता है।

IV. प्रतिज्ञान का पुनर्संयोजन—ऊर्जा-धागा सिद्धान्त का दृष्टिकोण (सार)


कॉपीराइट व लाइसेंस (CC BY 4.0)

कॉपीराइट: जब तक अलग से न बताया जाए, “Energy Filament Theory” (पाठ, तालिकाएँ, चित्र, प्रतीक व सूत्र) का कॉपीराइट लेखक “Guanglin Tu” के पास है।
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अनुशंसित श्रेय प्रारूप: लेखक: “Guanglin Tu”; कृति: “Energy Filament Theory”; स्रोत: energyfilament.org; लाइसेंस: CC BY 4.0.

पहला प्रकाशन: 2025-11-11|वर्तमान संस्करण:v5.1
लाइसेंस लिंक:https://creativecommons.org/licenses/by/4.0/