- 8.0 प्रस्तावना — ऊर्जा-तंतु सिद्धांत “प्रतिमानों” को कैसे पुनर्परिभाषित करता है
- 8.1 कॉसमोलॉजिकल प्रिंसिपल का मजबूत संस्करण
- 8.2 बिग बैंग ब्रह्माण्डिकी: एकल उद्गम की पुनर्व्याख्या और उसका परीक्षण
- 8.3 ब्रह्मांडीय प्रसार (Inflation)
- 8.4 मीट्रिक प्रसार से अकेले लाल-विस्थापन की व्याख्या नहीं होती
- 8.5 अँधारी ऊर्जा और ब्रह्माण्डीय नियतांक
- 8.6 कोस्मिक माइक्रोवेव पृष्ठभूमि का मानक उद्गम
- 8.7 “एकमात्र फिंगरप्रिंट” के रूप में बिग बैंग नाभ्यसिंथन की स्थिति
- 8.8 “मानक ब्रह्माण्डिकी” लैम्ब्डा–शीतल अँधेरा पदार्थ (ΛCDM)
- 8.9 वह एकमात्र रूपरेखा जिसमें गुरुत्वाकर्षण वक्रित स्पेस–टाइम के बराबर माना जाता है
- 8.10 समतुल्यता सिद्धांत का एक पोस्टुलेट के रूप में статус
- 8.11 सशक्त रूप: वैश्विक कारणीय संरचना पूरी तरह मेट्रिक प्रकाश-शंकु द्वारा निर्धारित होती है
- 8.12 ऊर्जा शर्तों की सार्वभौमिकता
- 8.13 निरपेक्ष क्षितिज और सूचना विरोधाभास का ढांचा
- 8.14 डार्क मैटर कण का प्रतिमान
- 8.15 प्राकृतिक नियतांकों की “परम-निरपेक्षता” की अवधारणा
- 8.16 “फोटॉन की परमता” का प्रतिज्ञान
- 8.17 सममिति प्रतिमान
- 8.18 बोसॉनिक और फर्मियोनिक सांख्यिकी की उत्पत्ति
- 8.19 चार मूलभूत पारस्परिक क्रियाएँ स्वतंत्र हैं
- 8.20 द्रव्यमान हिग्स-असाइनमेंट से पूरी तरह उत्पन्न होता है — ऊर्जा तंतु सिद्धांत के अनुसार पुनर्व्याख्या
- 8.21 क्वांटम सिद्धांत की सत्ता-विज्ञान और व्याख्या
- 8.22 सांख्यिकीय यांत्रिकी और ऊष्मागतिकी में प्रतिमान-परिकल्पनाएँ